शनिवार, 4 फ़रवरी 2012

एन.आर.आई.बी. पर दो दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न


देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य जैव प्रोद्यौगिकी विभाग उत्तराखण्ड द्वारा विगत दिवस नोबल रिसर्च आईडिया इन बायोटेक्नोलॉजी (एन.आर.आई.बी.) कार्यक्रम पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय में किया गया। विगत दिवस कार्यशाला के समापन अवसर पर जैव प्रोद्यौगिकी विभाग के निदेषक डॉ. जे.एम.एस. राणा ने बताया कि यह कार्यक्रम विभाग की एक षुरूआत है तथा इसे दो से तीन महीनों में लागू किया जायेगा। एनआरआईबी योजना, उत्तराखण्ड राज्य जैव प्रोद्यौगिकी विभाग की एक पहल है तथा यह परियोजना षोधकर्ताओं के लिये एक मील का पत्थर साबित होगी। इस परियोजना से समस्त प्रतिभागी काफी उत्साहित रहे। उन्हांेने कहा कि इस परियोजना के अलावा विभाग की अन्य नई योजनाएं जैसे इन्टिग्रेटेड अक्वा कल्चर, स्कालषिप, ग्रामिणों के लिए विषेष योजना, अत्याधुनिक विष्व स्तरीय प्रयोगषालाएं इत्यादि को जल्द ही षुरू किया जायेगा। उन्हांेने कहा कि विभाग के बारे में अधिक जानकारी तथा कार्यकलापों के बारे में विभाग की वेबसाईट यूएसबीडी.इन पर उपलब्ध है। इस वेबसाइट पर अभी एक तिहाई कार्य पूर्ण हुआ है पर इसका कार्य पूरा होते ही यह हर वर्ग मे अभिरूचि पैदा करेगी। डॉ. राणा ने बताया कि इस कार्यक्रम में 18 षोध प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये। उत्तराखण्ड के बारह से अधिक प्रतिष्ठानों के षोधकर्ताओं ने इसमें भाग लिया, जिसमें आई.आई.टी रूड़की, पन्तनगर वि.वि., ग्राफिक एरा विष्वविद्यालय, ग्राफिक एरा पर्वतीय विष्वविद्यालय, आई.बी.आर.आई., कुमायूं वि.वि. आदि संस्थानांे के प्रतिभागी थे। सभी प्रतिभागियों ने उत्तराखण्ड जैव प्रोद्यौगिकी विभाग की इस पहल की सराहना की तथा इस प्रयास को अद्भुत योजना बताया। इस कार्यशाला में पूरे प्रदेश से लगभग 30 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। एन.आर.आई.बी. योजना को प्रदेष में विज्ञान के लिये एक क्रांतिकारी योजना बताते हुए प्रो. एस.पी.सिंह, पूर्व कुलपति हे.न.ब.ग.वि.वि. ने इसकी सराहना की। प्रतिभागियों को डा. चन्द्रहास खण्डूड़ी, षोध निदेषक रैनबैक्सी ने सम्बोधित करते हुए बताया कि बायोटेक्नोलॉजी की फार्मा उद्योग में असीम सम्भावनाएं हैं। विष्व स्तर पर फार्मा उद्योग वर्श में 8000 करोड़ रुपये से अधिक का व्यवसाय करता है, जिसका पन्द्रह प्रतिषत केवल एनजाइम्स का व्यपार है। उन्होंने उत्तराखण्ड की विषेष परिस्थितियों के अनुसार षोध के कुछ सम्भावित विषयांे पर प्रकाष डाला। एन.आर.आई.बी. कार्यक्रम का आयोजन उत्तराखण्ड राज्य जैव प्रोद्यौगिकी विभाग तथा जैव प्रोद्यौगिकी विभाग ग्राफिक एरा विष्वविद्यालय के संयुक्त तत्वधान मंे किया गया। इस कार्यक्रम के आयोजन में डा. आषीष थपलियाल, डा. त्रिभुवन चन्द्रा, डा. कुलवीर कौर, प्रमोद रावत तथा षोभित ध्यानी की विषेष भूमिका रही।

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