शुक्रवार, 18 नवंबर 2011

विकास को वैज्ञानिक चिंतन जरूरी : कपूर


अल्मोड़ा: उतराखंड राज्य को विकास के नजरिए से अग्रणी राज्य बनाने के लिए वैज्ञानिक चितंन जरूरी है। इसके लिए छठी राज्य विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी कांग्रेस की संस्तुतियां प्रासंगिक होंगी। यह बात प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष हरवंश कपूर ने कही। हरवंश कपूर एसएसजे परिसर के प्रेक्षागृह में तीन दिवसीय विज्ञान कांग्रेस के समापन अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा, विज्ञान के नित नए आविष्कार राज्य को उन्नति के लिए मार्गदर्शन करेंगे। विधानसभा अध्यक्ष ने पर्वतीय क्षेत्रों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों का जिक्र करते हुए कहा कि कृषि कैसे बेहतर हो वैज्ञानिकों को नए रास्ते खोजने चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे वरिष्ठ व युवा वैज्ञानिकों ने जो चिन्तन-मंथन किया है, इसके निष्कर्ष को आगे बढाएं। तभी गोष्ठी का महत्व सार्थकहो सकेगा। कपूर ने वैज्ञानिकों से कहा कि विकास की दौड़ में कई भूल हो जाती हैं जो मानव जीवन व पर्यावरण को हानि पहुंचाती है। वैज्ञानिकों को इस पर भी विचार करना होगा। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष युवा वैज्ञानिकों की हौसला अफजाई करना नहीं भूले। उन्होंने कहा युवा वैज्ञानिक नए विचारों के साथ प्रदेश को नई दिशा दें। कुलपति प्रो. वीपीएस अरोरा ने कहा कि राज्य को विज्ञान ही आगे ले जा सकता है। युवाओं को विज्ञान के क्षेत्र में आगे आकर देश सेवा का आ ान किया। उन्होंने कहा जो जुनून युवा वैज्ञानिकों ने दिखाया है अपने संस्थान में जाकर और अधिक लगन से सेवा करें। समापन अवसर पर पद्मश्री डॉ.ललित पांडे, वीपीकेएस के निदेशक डॉ.जेसी भट्ट, जीबी पंत पर्यावरण संस्थान के निदेशक डॉ.एलएमएस पालनी, प्रो. जेएस रावत, प्रो. जेएस धामी, यूकास्ट के महानिदेशक डॉ. राजेंद्र डोभाल ने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर प्रो. सीएस मथेला, डॉ. कमल पांडे, प्रो. ओपीएस नेगी, प्रो. आरएस पथनी, प्रो. जेएस बिष्ट, प्रो. जया उपे्रती, प्रो. एनएस भंडारी, डॉ. विद्याधर सिंह नेगी, प्रो. बीडी अवस्थी, डॉ. ललित तिवारी, ललित जोशी, सुमित खुल्वे, डॉ.वीपी उनियाल आदि मौजूद थे। संचालन मोना बाली ने किया।
साभार दैनिक जागरण