गुरुवार, 26 नवंबर 2009

Toxics Link की क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन

राज्य के बायोमेडिकल अपषिष्ट प्रबंधन में Toxics Link करेगा मदद
देहरादून 27 नवम्बर। दिल्ली की एक एनजीओ Toxics Link ने देहरादून में हेल्थ केयर को Toxics Link मुक्त करने की दिशा में पहल विषयक क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा में निष्कर्ष निकला कि उत्तराखण्ड में चिकित्सा स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत एक तिहाई संस्थाएं बायोमेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन एक्ट 1998 के तहत कार्य नही कर रही है, इससे चिकित्सा स्वास्थ्य के क्षेत्र में कचरे प्रबंधन के लिए ठोस प्रयास होने चाहिए। कार्यशाला में राज्य के चिकित्सा क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न लोगों ने प्रतिभाग किया। जिसमे निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डाॅ. एच.सी.भट्ट ने कहा कि राज्य सरकार अपशिष्ट प्रबंधन के लिए एकीकृत व्यवस्था शुरू करने पर विचार कर रही है, साथ ही दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में सामुदायिक आधारित कचरा प्रबंधन पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इस कार्य में Toxics Link जैसी संस्थाओं को मदद करनी चाहिए।
Toxics Link के एसोसियेट निदेशक सतीश सिन्हा ने बताया कि यह कार्यशाला काफी महत्वपूर्ण रही है और इसमें कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा हुई है। उन्होंने बताया कि यह कार्यशाला दो सत्रों में चली, जिसमें बायोमेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन तथा चिकित्सा स्वास्थ्य क्षेत्र में मरकरी के अधिक उपयोग पर चर्चा की गई। श्री सिन्हा ने बताया कि कार्यशाला में आये सुझावों को शामिल कर बायोमेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए नीति तैयार की जायेगी।
कार्यशाला मेंToxics Link के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी मो. तारिख, सुश्री रागिनी कुमारी तथा विनोद आदि उपस्थित थे।