मंगलवार, 8 दिसंबर 2009

हिमालयी राज्यों में पहला तथा देष में चैथा राज्य, जहां विज्ञान धाम की होगी स्थापना

विज्ञान की गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए सभी इंटर कालेजों, डिग्री कालेजों में स्थापित होंगे विज्ञान क्लब: डाॅ. निशंक

देहरादून 08 दिसम्बर। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को देहरादून के झाझरा में उत्तराखण्ड विज्ञान एवं प्रौद्योगिक परिषद के लगभग 8 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले विज्ञान धाम का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री डाॅ. निशंक ने युवा वैज्ञानिकों के प्रोत्साहन हेतु 1 लाख, 51 हजार तथा 25 हजार रुपये के वैज्ञानिक पुरस्कारों की घोषणा की। उन्होंने राज्य में शीघ्र ही बौद्धिक संपदा केन्द्र तथा ज्ञान आयोग केन्द्र की स्थापना की जायेगी। उन्होंने राज्य में विज्ञान की गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए सभी इंटर कालेजों, डिग्री कालेजों में विज्ञान क्लब स्थापित करने की घोषणा की, जिससे युवा वैज्ञानिकों की श्रृंखला तैयार की जा सके। मुख्यमंत्री डाॅ. निशंक ने कहा कि विज्ञान धाम की स्थापना होने से यहां वैज्ञानिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि विज्ञान धाम को ऐसा स्वरूप दें, जो देश भर के वैज्ञानिकों को दिशा, शोध में मददगाार बने व देशभर में प्रभावी संदेश दे। जिसका लाभ देश और दुनिया के लोगो को मिल सके। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक ऐसी तकनीक विकसित करें,, जो स्थानीय उपलब्ध संसाधनों एवं आवश्यकताओं के अनुरूप हो। उन्होंने वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि ब्लाॅक स्तर पर उपलब्ध हमारे संसाधनों को विज्ञान से जोड़ें, ताकि इसका अधिक लाभ जनता को मिल सके। बौद्धिक संपदा केन्द्र स्थापित करना हमारी पहली प्राथमिकता है, ताकि जड़ी-बूटी तथा अन्य प्राकृतिक संसाधनों को पंेटेंट किया जा सके और यहां के लोगों का सामाजिक व आर्थिक स्तर ऊंचा हो सके। मुख्यमंत्री डाॅ. निशंक ने कहा कि हिमालय दुनिया के लिए प्रेरणा का स्रोत है और इस क्षेत्र में घटने वाली कोई भी घटना पूरी दुनिया को प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र सदियों से विज्ञान के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता रहा है और हमारे पूर्वजों द्वारा किये गये शोधों को आज पूरी दुनिया ने माना है। डाॅ. निशंक ने कहा कि उत्तराखण्ड के अनेक वैज्ञानिकों और विद्वानों ने पूरी दुनिया मंे राज्य और देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि उत्तराखण्ड की प्रतिभाएं देश-विदेश में जहां कही भी है, उन्हें एकत्रित कर सम्मानित किया जाय। डाॅ. निशंक ने कहा कि विज्ञान धाम की स्थापना के दूरगामी परिणाम सामने आयेंगे, जो देश और दुनिया को नई दिशा देंगे। डाॅ. निशंक ने कहा कि उत्तराखण्ड आध्यात्म के साथ-साथ विज्ञान के बड़े केन्द्र के रूप में विकसित होगा। डाॅ. निशंक ने कहा कि इस विज्ञान धाम में पारिस्थितिकीय संतुलित विकास, राष्ट्र की जैविक सम्पत्ति का संरक्षण, मूल्यांकन व उपयोग, ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों का विकास तथा तकनीकी विकास के माध्यम से सूचनाओं का विकास व विज्ञान प्रसार को बढ़ावा देना आदि विषयों पर विशेष रूप से शोध किये जायेंगे, जिनसे निकलने वाले परिणाम सभी के लिए लाभदायक होंगे। मुख्यमंत्री डाॅ. निशंक ने यूकाॅस्ट के मोनोग्राम का लोकार्पण भी किया। निदेशक यूकाॅस्ट डाॅ. राजेन्द्र डोभाल ने कहा कि विज्ञान धाम की स्थापना से राज्य के छात्र-छात्राओं में विश्लेषणात्मक ज्ञान की वृद्धि हो सकेगी तथा उनका ज्ञानवर्द्धन भी होगा। उन्होंने कहा कि इस विज्ञान धाम में भारत सरकार के सहयोग से विभिन्न योजनाएं संचालित की जायेगी, साथ ही अत्याधुनिक तारामण्डल, विज्ञान म्यूजियम तथा विज्ञान भवन भी स्थापित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि विज्ञान धाम पर्यटन गतिविधियों से भी जुड़ सकेगा। विज्ञान धाम में प्रमुख क्षेत्रों में नए-नए यंत्रों का प्रदर्शन उनका डिजाइन एवं विकास को प्रदर्शित किया जा सकेगा। इसके साथ ही इससे शोध तथा प्रशिक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।