शनिवार, 4 फ़रवरी 2012

छठीं विज्ञान कांग्रेस में प्रतिभाओं को मिला सम्मान


देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) द्वारा प्रतिवर्ष राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कांग्रेस का आयोजन किया जाता है। इस कांग्रेस में विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले राज्य के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया जाता है। इस वर्ष नवम्बर, 2011 को अल्मोड़ा में छठीं राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कांग्रेस का आयोजन किया गया। कांग्रेस में आये वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य को देश में विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के लिए वैज्ञानिक चितंन जरूरी है। इस दिशा में विज्ञान कांग्रेस में आये सुझाव एवं संस्तुतियां प्रासंगिक होंगी। अल्मोड़ा के एसएसजे परिसर के प्रेक्षागृह में तीन दिवसीय विज्ञान कांग्रेस के समापन अवसर पर पर       मेधावी छात्र-छात्राओं एवं युवा वैज्ञानिकों को सम्मानित किया गया। महानिदेशक यूकॉस्ट डॉ. राजेन्द्र डोभाल ने कहा कि विज्ञान के नित नए आविष्कार राज्य की उन्नति में सहायकसिद्ध होंगे। विपकास निदेशक डॉ. जे.सी. भट्ट ने पर्वतीय कृषि तथा चुनौतियों को विज्ञान के जरिये स्वीकार करने को कहा। गोविन्द बल्लभ पंत पर्यावरण संस्थान के निदेशक डॉ. एल.एम.एस.पालनी ने वन पारिस्थिति को समझने तथा राष्ट्रीय जी.डी.पी. में इसका योगदान सुनिश्चित करने की बात कहीं। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से हिमालय वन प्रभावित हो रहे हैं तथा प्रजातियों के प्रवर्जन को रोकने के लिए कोरिडोर बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह अन्तर्राष्ट्रीय वन वर्ष है तथा उत्तराखण्ड में जगह-जगह मौसम केन्द्र बनाने की सख्त आवश्यकता है। प्रो. जे.एस. रावत ने कहा कि इसपेटियल डाटा इन्फ्रास्ट्रक्चर से शासन-प्रशासन तथा नियोजन में मदद मिलती है। उन्होंने उत्तराखण्ड का डाटाबेस तैयार करने पर जोर दिया तथा जी.आई.एस. को शिक्षा में लाने को कहा। आयोजक सचिव प्रो. एच.एस. धामी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि भावी पीढ़ी का मार्गनिदेशन करें तथा विद्यार्थी ज्ञान का अर्जन कर एक बेहतर इंसान बने। पाठ्यक्रम में बदलाव आवश्यक है तथा गणित में उत्कृष्ट केन्द्र खोला जाना जरूरी है। गणित को रोचक बनाने के लिए ओलम्पियाड़ का आयोजन किया जाय। यूकॉस्ट के महानिदेशक डॉ. राजेन्द्र डोभाल ने बताया कि इस वर्ष 42 प्रतिभागियों को युवा वैज्ञानिक पुरस्कार दिया जा रहा हेै, जिसमें 21 पुरूष तथा 21 महिलाएं हैं। 10 पन्तनगर विश्वविद्यालय, 07 कुमायूॅ विश्वविद्यालय तथा 03 एफ.आर.आई. आई.आई.टी., पर्यावरण संस्थान के युवाओं ने पुरस्कार जीते। उन्होंने बताया कि विज्ञान में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए 05 ब्रेन स्टोर्मिंग सेशन आयोजित किए गये। उत्पादन को मार्केट मेें ले जाने के लिए मार्केटिंग सेन्टर बनाया जायेगा। उन्होंने एस.एस.जे. परिसर अल्मोड़ा में गणित उत्कृष्ट संस्थान बनाने की घोषणा की। उन्होंने संयुक्त रूप से पारिस्थितिकी के प्रभाव को संरक्षित करने को कहा। हम सब मिलकर विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी के लिए कार्य करें। इस अवसर पर 42 युवा प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। डी.एस.बी. परिसर, नैनीताल के वनस्पति विज्ञान विभाग के जर्नल का विमोचन भी किया गया।
(क्रमशः पृष्ठ-2 पर )
छठीं विज्ञान कांग्रेस......
विज्ञान संकाय अधिष्ठता प्रो. लता जोशी द्वारा सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया तथा कहा कि विज्ञान हमारे नित जंीवन को सरल कर सकता है तथा हम इसके प्रयोग से विकास की दौड़ में आगे चल सकते हैं। समापन समारोह का संचालन श्रीमती मोना बाली द्वारा किया गया। रचनात्मक कार्य हेतु इन्नोवेटिव साइन्टिस्ट का पुरस्कार डॉ. बृ्रजमोहन शर्मा, देहरादून को दिया गया। इस अवसर पर प्रो. सी.एस. मथेला,           डॉ. कमल पाण्डे, प्रो. ओ.पी.एस. नेगी, प्रो. आर.एस. पथनी, प्रो. जे.एस.बिष्ट, प्रो. जया उप्रेती, प्रो. एन.एस..भण्डारी, प्रो. बी.डी. अवस्थी, प्रो. मीना पथनी, प्रो. विजया ढौंड़ियाल, प्रो. नवीन ढ़ौंड़ियाल, प्रो. पी.सी. जोशी,प्रो. बी.डी.एस. नेगी, डॉ ललित तिवारी, प्रो.वी.पी. पाण्डे, डॉ.बी.सी.तिवारी, डॉ. बी.पी. उनियाल, डॉ. प्रशान्त सिंह, सुमित खुल्बै, सौरभ सनवाल, ललित जोशी, केवलानन्द पाठक आदि उपस्थित थे।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें